दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्रता चाहता है भारत
सिंगापुर, एजेंसी : भारत दक्षिण चीन सागर में परिवहन की स्वतंत्रता चाहता है। हालांकि, इस क्षेत्र में बीजिंग का कई देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सिंगापुर के रणनीतिक अध्ययन अंतरराष्ट्रीय संस्थान की 11वीं एशियाई सुरक्षा बैठक में यह मांग रखी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र पर मौजूद विवादों को नजरअंदाज करते हुए आम सहमति बनाने की जरूरत है। एंटनी ने दक्षिण चीन सागर में सीमा विवाद पर कहा कि भारत मसले पर चर्चा करने वाले सभी दलों का स्वागत करता है। हमें उम्मीद है कि यह मुद्दा बातचीत के जरिये सुलझा लिया जाएगा। वियतनाम के तेल उत्खनन कारोबार में भारत के दखल को चीन ने गलत नजरिये से लिया। इसके बाद चीन ने जलक्षेत्र में भारतीय जहाजों के प्रवेश पर विरोध जताया। एंटनी ने कहा कि समुद्री सुरक्षा का मसला कारोबार, वाणिज्यिक, हाइड्रोकार्बन स्रोत, आतंकवाद, समुद्री लूट और ड्रग तस्करी के लिहाज से अब रणनीतिक प्राथमिकता बन चुका है। एंटनी ने चीन और दक्षिण एशियाई राष्ट्रों के संगठन से समुद्री सीमाओं का मसला आपसी बातचीत, सहमति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के जरिये सुलझाने की मांग की। रक्षा मंत्री ने चीन द्वारा रक्षा खर्च में लगातार की जा रही बढ़ोतरी पर चिंता जताई, लेकिन कहा कि नई दिल्ली को बीजिंग से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग शुरू हो चुका है। जल्द नौसेना स्तर पर भी सहयोग शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एंटी-पायरेसी पर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर भी जल्द ही सहमति बनने के आसार हैं।
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