2023 तक होगी मंगल पर मानव बस्ती!
वेलिंगटन, एजेंसी : यूरोपीय देश नीदरलैंड्स ने आने वाले सिर्फ अगले ग्यारह सालों में अपने चार अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर बसने के लिए भेजनी की तैयारी कर ली है। मार्स-वन नामका ये अंतरिक्षयान वर्ष 2023 में केवल पृथ्वी से मंगल ग्रह का सफर करेगा। यानी यह कभी धरती पर वापस लौटेगा नहीं। यह एक निजी कंपनी का अंतरिक्ष अभियान है। इस अभियान को मूर्तरूप देने वालों में हैं डच उद्योगपति और अनुसंधानकर्ता बास लैंड्सडार्प। लैंड्सडार्प इससे पहले एक वैकल्प ऊर्जा संबंधी कंपनी भी चलाते रहे हैं। हालांकि यह अभियान अन्य निजी कंपनियों की तरह अभी उतने परिष्कृत रूप में सामने नहीं आया है जिस तरह अरबपति मस्क, पॉल एलन या जेफ बेजोस ने अपने स्पेस ट्रैवल संबंधी अभियान की शुरुआत की थी। मंगल ग्रह पर पहली मानव बस्ती बसाने के लिए पहले चरण के तहत वर्ष 2016 में सबसे पहला अभियान भेजा जाएगा। इसमें केवल संचार संबंधी उपग्रह भेजे जाएंगे। वर्ष 2018 में दूसरा अंतरिक्ष रोवर यान भेजा जाएगा। यह केवल लाल ग्रह के रूखे-सूखे माहौल में कुछ चुनिंदा सबसे अच्छे स्पॉट ढूंढेगा जहां मानव बस्ती बसाई जा सके। फिर तीसरे चरण में वर्ष 2020 में मंगल पर सोलर पैनल समेत मानव बस्ती बनाने संबंधी सामान लाल ग्रह पर भेजा जाएगा। इसमें वह मशीनें भी शामिल हैं जो लाल ग्रह को इंसानों के योग्य बनाने के लिए वहां मंगल ग्रह के मूल तत्वों को ऑक्सीजन और जल में परिवर्तित करेगी। इसके बाद ही 14 सितंबर 2022 को मंगल ग्रह पर चार अंतरिक्ष यात्रियों को हमेशा के लिए वहां बसने को भेजा जाएगा। उन्हें वहां नई बस्ती बनाने में दस महीने लगेंगे। हालांकि इसका प्रशिक्षण उन्हें दशकों से दिया जा रहा है। इन अंतरिक्ष यात्रियों का सबसे कड़ा परीक्षण यही होगा कि जब आप वहां बिना नहाए महीनों तक कठिन परिस्थितियों में रह रहे हों और अपना संतुलन बनाए रखते हुए किसी की हत्या न कर बैठें। लैंड्सडार्प की योजना है कि वह कठिन चुनौतियों के लिए तैयार ऐसे कुछ अंतरिक्ष यात्रियों को हर दो साल पर मंगल ग्रह पर बनने वाली मानव बस्तियों में भेजेंगे। लेकिन वहां जाने वाले को कभी भी धरती पर वापस नहीं बुलाया जाएगा। ये पूरी तरह से एक नई दुनिया होगी। इस मिशन का पूरा खर्च मीडिया स्पेटकल नामक कंपनी उठाएगी।
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